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इलाहाबादः रचनाओं के संगम में बेटी के दर्द को कविताओं में उकेरा


कवि अनिल अरोड़ा ने दामिनी कांड को लेकर पुरुषों की प्रकृति और सोच पर प्रहार किया. वहीं इश्क की कविताओं को भी गुनगुनाया. कवि हितेश नन्दन ने भाई से भाई की सामाजिक दूरी और बटवारे के दर्द को काव्य रूप में पेश किया.

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