अपनी बात पूरी करने के लिए जावेद अख्तर ने शेर की लाइनें पढीं- 'तुमसे पहले जो एक शख्स यहां तख़्तनशीं था, उसकों भी अपने खुदा होने का इतना यकीं था'
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